

G-20
G-20:अगले हफ्ते कोलकाता में जी20 देशों की वित्तीय समावेश यानी फाइनेंशिएल इनक्लूजन पर होने वाली बैठक खासी महत्वपूर्ण रहने वाली है। भारत पहले ही अपनी मंशा साफ कर चुका है कि इस विषय में वह अपनी उपलब्धियों को दूसरे विकासशील व गरीब देशों के साथ साझा करने को तैयार है। लेकिन असली समस्या इसके लिए फंड की उपलब्धता है।
भारत की तरफ से रखा जाएगा यह प्रस्ताव
भारत की तरफ से यह प्रस्ताव रखा जाएगा कि अगर अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की तरफ से फंड उपलब्ध कराई जाए तो वह वैश्विक स्तर पर डिजिटल माध्यम से वित्तीय सेवा देने के कार्यक्रम को सफलतापूर्वक लागू कर सकता है। इस विषय में भारत की अगुवाई में पहली बार बैठक (09-11 जनवरी, 2023) होने जा रही है जिसमें सभी सदस्य देशों के साथ ही दूसरे आमंत्रित देशों के वित्त मंत्रालयों, केंद्रीय बैंकों व दूसरे विभागों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।
इन मुद्दों पर होगी बातचीत
सूत्रों ने बताया कि जी-20 के कार्यदल की आगामी बैठक में वित्तीय समावेश से संबंधित परियोजनाओं को लागू करने के लिए जरूरी ढांचागत सुविधाओं के निर्माण, इसके लिए उचित नीति को तैयार करने, एक देश से दूसरे देश में पैसा भेजने की मौजूदा व्यवस्था को और बेहतर बनाने, इसे किफायती बनाने, ग्राहकों के हितों को सुरक्षित रखने के साथ ही डिजिटल विभेद को खत्म करने जैसे मुद्दे पर बात होगी।
इन सभी विषयों पर भारत की तरफ अपना विचार रखा जाएगा और इसके बाद सभी देश अपनी अपनी बाते रखेंगे। कार्यदल की बैठक के बाद इस बारे में मंत्रिस्तरीय बैठक का आयोजन होगा। सूत्रों का कहना है कि दिसंबर, 2022 में भारत की अगुवाई में सभी सदस्य देशों के केंद्रीय बैंकों के उप-प्रमुखों की हुई बैठक में भी यह मुद्दा उठा था। तब भारत के जी20 में शेरपा अमिताभ कांत ने कहा था कि भारत सभी विकासशील देशों को डिजिटल भुगतान का ढांचागत सुविधा प्रदान करने में पूरी मदद करेगा। इसके लिए जी20 को अगुवाई करनी होगी।