
CRICKET NEWS
आज ही के दिन 20 साल पहले वीरेंद्र सहवाग ने डेब्यू टेस्ट में शतक जड़कर रेड बॉल क्रिकेट में अपने आगमन की घोषणा की थी। जब वीरेंदर सहवाग दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर थे तब उन्होंने २००१ में भारत के लिए अपनी टेस्ट कॉल अर्जित की थी। प्रोटियस टीम के खिलाफ टीम इंडिया को तीन मैच की टेस्ट सीरीज खेलनी थी जबकि,वीरेंद्र सेहवाग को अपने टेस्ट डेव्यू के लिए बहुत लम्बा इंतज़ार नहीं करना पड़ा। उन्हें ब्लूमफोन्टेन में सीरीज के पहले मैच में सौरव गांगुली द्वारा भारत की प्लेइंग इलेवन के लिए चुना गया था।
दक्षिण अफ्रीका टीम ने टॉस जीतकर टीम कप्तान शॉन पोलक ने सौरव गांगुली की टीम को पहले बल्लेबाज़ी करने का मौका दिया। हलाकि मैच में टीम इंडिया की बहुत अच्छी शुरुआत नहीं रही उन्होंने मैच के शुरुआती समय में चार विकेट गवाए। शिव सुंदर दास (50 गेंदों पर 9 रन), राहुल द्रविड़ (10 गेंदों पर 2 रन), वीवीएस लक्ष्मण (32 गेंदों पर 30 रन) और सौरव गांगुली (18 गेंदों पर 14 रन). भारत का स्कोर 20.3 ओवर में 4 विकेट के नुकसान पर 68 रन हो गया।
वीरेंदर सेहवाग और भारत के महान बल्लेबाज़ सचिन तेंदुलकर छठे नंबर पर बल्लेबाज़ी करते हुए (154 गेंदों पर 155 रन) के साथ शामिल हो गए ताकि उनकी पारी को स्थिर किया जा सके और एक सम्मानजनक स्कोर रखा जा सके। मखाया नतिनी ने सहवाग और तेंदुलकर की साझेदारी को तोड़ा और सचिन के पवेलियन की राह दिखाई।
बाद वीरेंद्र सहवाग ने मोर्चा सँभालते हुए 173 गेंदों में 105 रन की शानदार पारी खेली। अपनी इस शतकीय पारी में सहवाग 19 शानदार चौके जड़े। इसके साथ ही सहवाग टेस्ट पदार्पण पर शतक बनाने वाले केवल 11वें भारतीय बने. कुल मिलाकर वह 73वें क्रिकेटर थे, जिन्होंने यह उपलब्धि अपने नाम कर ली. भले ही भारत को टेस्ट में हार का सामना करना पड़ा, लेकिन एक नए सितारे का जन्म हुआ जो सबसे लंबे प्रारूप में बल्लेबाजी को फिर से परिभाषित कर रहा था।