

देश में जारी रहेगा 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस आरक्षण
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EWS के समर्थन में फैसला(ईडब्ल्यूएस)|EWS RESERVATION SUPREME COURT
देश में जारी रहेगा ईडब्ल्यूएस | आज देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने के समर्थन में अपना फैसला दिया है। कोर्ट द्वारा सरकार के दस फीसदी आरक्षण दिए जाने का समर्थन में अपना फैसला दिया है । चीफ जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पांच संदस्यीय बेंच ने 3-2 से फैसला सुनाया है। तीनो जजों द्वारा 103वें संशोधन अधिनियम 2019 को सही माना है।
बेंच में जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, एस रवींद्र भट्ट, बेला एम त्रिवेदी और जेबी पारदीवाला मौजूद थे। चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस भट्ट ने अपनी असहमति जाहिर किया है।
ईडब्ल्यूएस को 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने के विरुद्ध 30 से ज्यादा याचिकाएं दाखिल की गई थी। 27 सितंबर को हुई पिछली सुनवाई में अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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जस्टिस दिनेश माहेश्वरी ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण के पक्ष में अपनी सहमति जाहिर कि। उनके द्वारा कहा गया कि आर्थिक मानदंडों पर आरक्षण संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन नहीं करता है। उन्होंने कहा कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण समानता संहिता का उल्लंघन नहीं करता। जस्टिस बेला एम त्रिवेदी ने भी ईडब्ल्यूएस आरक्षण का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि वह जस्टिस माहेश्वरी के साथ सहमत हैं। सामान्य वर्ग में ईडब्ल्यूएस कोटा वैध और संवैधानिक है। जस्टिस जेबी पारदीवाला ने भी ईडब्ल्यूएस आरक्षण का समर्थन किया।
CJI यूयू ललित और जस्टिस रविंद्र भट्ट असमहत जताई गयी
मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित और जस्टिस रविंद्र भट्ट ने ईडब्ल्यूएस को आरक्षण के फैसले पर असहमति जताई।
सरकार ने किया था कानून का समर्थन
सरकार ने अदालत में इस कानून का समर्थन किया है। सरकार का कहना है कि इस कानून के जरिए गरीबों को आरक्षण का प्रावधान है। इससे संविधान का मूल ढांचा मजबूत होता है। वहीं, विरोध में दायर याचिकाओं में आर्थिक आधार पर आरक्षण को संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ बताते हुए रद्द करने की मांग की गई थी।
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EWS क्या है | EWA Kya Hai | EWS Ka Full Form
हमारे देश में आरक्षण की व्यवस्था बहुत पुरानी है. आरक्षण के माध्यम से वंचित और मुख्यधारा से अलग हुए लोगों सहायता दी जाती है. इन्हें सरकारी नौकरियों तथा सरकारी योजनाओं के माध्यम से अनेक लाभ दिए जाते हैं.
लेकिन इस आरक्षण का लाभ सामान्य वर्ग के गरीब वर्ग के लोगों को नहीं मिल पाता था. जिससे आर्थिक रूप से कमज़ोर सामान्य वर्ग के लोग अपने को ठगा महसूस करते थे. इसी समस्या को दूर करने के लिए मोदी सरकार ने आर्थिक रूप से कमज़ोर सामान्य वर्ग के लोगों के लिए आरक्षण व्यवस्था आरम्भ की. और 10 जनवरी 2019 को EWS कानून बनाया. जिसमें इन लोगों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई. आपको बता दे की यहाँ EWS का फुल फॉर्म होता है, Economically Weaker Sections और EWS का हिंदी में मतलब (EWS Means) होता है आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग.
EWS Certificate क्या है
भारत सरकार द्वारा बनाए EWS कानून (EWS reservation) का लाभ लेने के लिए एक प्रमण पत्र की आवश्यकता होती है जिसे EWS प्रमाणपत्र या EWS Certificate कहते हैं. EWS Certificate सामान्य वर्ग के कमज़ोर लोगों की आर्थिक स्थिति दर्शाने वाला एक वैध प्रमाण पत्र है.
इसके माध्यम से कमजोर सामान्य वर्ग के लोग इस आरक्षण का लाभ उठा सकते हैं .
जैसा की आप जानते हैं की सरकारी नौकरी का आवेदन करते समय एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के लोगों के लिए आरक्षण तय होता है. वैसे ही अब सामान्य वर्ग के गरीब लोगों के लिए 10% आरक्षण दिया जायगा. लेकिन इसका लाभ लेने के लिए आपको EWS सर्टिफिकेट बनवाना होगा. और उन्हें साबित करना होगा की वेह वास्तव में आर्थिक रूप से कमजोर हैं।