
Old Pension Scheme Update
देश में पुरानी पेंशन योजना(Old Pension Scheme) से जुड़ी विवादों की वजह से सरकारी कर्मचारियों के बीच विरोध बढ़ रहा है। केंद्र सरकार ने इस मामले में अपने कर्मचारियों को ओपीएस की बहाली के लिए हड़ताल या विरोध करने से रोकने के लिए चेतावनी दी है।
पुरानी पेंशन योजना को लेकर सरकार और उसके कर्मचारियों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है। सरकारी कर्मचारियों में भी विरोध हो रहा है। हालांकि, केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों से पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग को लेकर हड़ताल या धरने में शामिल नहीं होने को कहा है. हाल ही में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने सभी मंत्रालयों को निर्देश जारी किए हैं।
पेंशन योजना(Old Pension Scheme)
इस पत्र में कहा गया है कि यह निर्देश दिया जाता है कि ‘ज्वाइंट फोरम फॉर रिस्टोरेशन ऑफ ओल्ड पेंशन स्कीम’ के बैनर तले नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन ने विशेष रूप से ओपीएस पर रैलियों का आयोजन करने की योजना है. कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के जरिए जारी निर्देश सरकारी कर्मचारियों को किसी भी प्रकार की हड़ताल में भाग लेने से रोकते हैं, जिसमें सामूहिक आकस्मिक अवकाश, धीमी गति से बैठना, आदि शामिल हैं या कोई भी कार्रवाई जो सीसीएस (आचरण) नियम, 1964 के नियम 7 के उल्लंघन में किसी भी प्रकार की हड़ताल को बढ़ावा देती है.
पुरानी पेंशन योजना
इसके अलावा, मौलिक नियमों के नियम 17 (1) के प्रावधान के अनुसार, वेतन और भत्ते किसी कर्मचारी को बिना किसी अधिकार के ड्यूटी से अनुपस्थित रहने के लिए स्वीकार्य नहीं हैं. इसके साथ ही मंत्रालय/विभागों के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों को इस विभाग के जरिए जारी आचरण नियमों और माननीय सर्वोच्च न्यायालय के जरिए मान्य अन्य विनियमों के तहत उपरोक्त निर्देशों के बारे में उपयुक्त रूप से सूचित किया जा सकता है. उन्हें विरोध सहित किसी भी रूप में हड़ताल करने से रोका जा सकता है.
विरोध/हड़ताल की अवधि के दौरान आवेदन करने पर कर्मचारियों को आकस्मिक अवकाश या अन्य प्रकार की छुट्टी स्वीकृत न करने के निर्देश जारी किए जा सकते हैं और यह सुनिश्चित किया जाए कि इच्छुक कर्मचारियों को कार्यालय परिसर में बाधा मुक्त प्रवेश की अनुमति दी जाए. आदेश पर कार्रवाई करते हुए पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने अपने कर्मचारियों को ओपीएस की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन में भाग लेने पर कार्रवाई की चेतावनी दी. एक परिपत्र में कहा गया है कि यदि कोई अधिकारी हड़ताल/विरोध में भाग लेता है, तो उसे उचित अनुशासनात्मक/दंडात्मक कार्रवाई के लिए सक्षम प्राधिकारी के ध्यान में लाया जाएगा.