कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और इसे पृथ्वी का स्वर्ग कहा जाता है. लेकिन, पाकिस्तान विभाजन के वक्त से ही इस पर नजर गड़ाए बैठा है. वह कश्मीर को लेकर भारत को सामरिक, राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक तौर पर परेशान करने के लिए हमेशा घुसपैठ कराता रहता है. भारत के बिस्मार्क कहे जाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने कार्यकाल के दौरान सद्भावना बस की शुरुआत भी की थी, जो दिल्ली से लाहौर तक जाती है.
इस बस को चलाने के पीछे वाजपेयी जी का मकसद दोनों देशों के बीच कटुता को समाप्त करते हुए आपसी आवाजाही की शुरुआत करना था, लेकिन तत्कालीन नवाज शरीफ सरकार ने कारगिल युद्ध आहुत कर दिया. हालांकि, इस युद्ध में पाकिस्तान को हार का मुंह देखना पड़ा. इतना ही नहीं, वाजपेयी जी ने नवाज शरीफ सरकार की तख्तापलट के बाद पाकिस्तानी सैन्य प्रमुख परवेज मुशर्रफ को राष्ट्रपति बनने के बाद भी नई दिल्ली में द्विपक्षीय वार्ता की थी. फिर भी पाकिस्तान बाज नहीं आया.
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कश्मीर मसले को लेकर ‘एक नहीं दो नहीं करो बीसों समझौते, पर स्वतंत्रता भारत का मस्तक नहीं झुकेगा…’ कविता लिखी थी. उनकी यह कविता आज भी मौके-ब-मौके सोशल मीडिया पर खूब सर्च की जाती है. आज 16 अगस्त है और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि है. इस मौके पर सोशल मीडिया पर वाजपेयी जी की कविताएं खूब सर्च की जा रही हैं. देखिए, कश्मीर पर वाजपेयी जी द्वारा लिखी गई वह कविता, जिससे पाकिस्तान हिल गया था.
Former Prime Minister Atal Bihari Vajpayee had written the poem ‘Don’t do one, don’t do twenty agreements, but India’s head will not bow down for independence…’ on the Kashmir issue. This poem of his is still searched a lot on social media from time to time. Today is 16th August and it is the death anniversary of former Prime Minister Atal Bihari Vajpayee. On this occasion, poems of Vajpayee ji are being searched a lot on social media. See, the poem written by Vajpayee on Kashmir, which shook Pakistan.